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बिहार की पत्रकारिता में जाति की सडांध पर सर्वे
- Author(s):
- Pramod Ranjan (see profile)
- Date:
- 2010
- Group(s):
- Communication Studies, Sociology
- Subject(s):
- Caste, Dalits, Indians--Press coverage, Journalism--Social aspects, Race in mass media, Urdu language
- Item Type:
- Book chapter
- Tag(s):
- बिहार की पत्रकारिता, पत्रकारिता में जाति, पत्रकारिता में स्त्री, पत्रकारित मे दलित
- Permanent URL:
- https://doi.org/10.17613/ba8h-3090
- Abstract:
- प्रमोद रंजन और उनकी टीम द्वारा वर्ष 2009 में किए गए सर्वेक्षण में पाया गया था कि बिहार की पत्रकारिता में फैसला लेने वालों पदों पर एक भी दलित, पिछड़ा, आदिवासी नहीं है। फैसला लेने वाले पदों पर स्त्रियों की भागीदारी भी शून्य है। इस सर्वेक्षण में प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक दोनों माध्यमों को लिया गया था तथा इसमें हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू के मीडिया संस्थान शामिल थे। यह सर्वेक्षण 'मीडिया में हिस्सेदारी' शीर्षक पुस्तिका में कुछ अन्य संबंधित लेखों के साथ प्रकाशित हुआ था। यहां अपलोड किए लेख में उपरोक्त सर्वेक्षण का सारांश है।
- Notes:
- -मीडिया हिस्सेदारी पुस्तिका यहां देखी जा सकती है: https://doi.org/10.17613/7bf4-3p41 -अखिल भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान के एक सेमिनार में इस पर हुई चर्चा यहां देख सकते हैं : https://doi.org/10.17613/q3va-2798 -इससे संबंधित अन्य सामाग्री यहां देखें: प्रभाष जोशी का लेख काले धंधे के रक्षक : https://doi.org/10.5281/zenodo.7387770 -प्रमोद रंजन का लेख 'महज एक बच्चे की ताली पर' : https://hcommons.org/deposits/item/hc:49883/
- Metadata:
- xml
- Published as:
- Book section Show details
- Publisher:
- विद्या विहार, नई दिल्ली
- Pub. Date:
- 2010
- Book Title:
- सुशासन के आईने में नया बिहार
- Editor(s):
- पंकज कुमार झा
- Page Range:
- 98 - 109
- ISBN:
- 978-93-80186-28-3
- Status:
- Published
- Last Updated:
- 4 months ago
- License:
- Attribution-NonCommercial
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