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बहुजन साहित्य की अवधारणा का निर्माण काल
- Author(s):
- Pramod Ranjan (see profile)
- Date:
- 2022
- Group(s):
- Cultural Studies, English Literature, Literary Journalism, Literary theory, Sociology
- Subject(s):
- Literature and society, Dalits in literature, Hindi literature, Caste, Literary theory, Criticism
- Item Type:
- Article
- Tag(s):
- Bahujan Sahitya, OBC, OBC literature, bahujan literature, Ambedkar, B. R. (Bhimrao Ramji)
- Permanent URL:
- https://doi.org/10.17613/mpv5-sh56
- Abstract:
- इस संपादकीय लेख में कहा गया है कि जोतिबा फुले और आम्बेडकर दोनों ने मुख्य रूप से अलग-अलग शब्दावली में शूदों-अतिशूद्रों तथा स्त्री की गुलामी और इससे मुक्ति के लिए इनकी एकता की बात की है। हिंदी में ‘बहुजन साहित्य’ का जन्म प्रकारांतर से इसी विचार के सांस्कृतिक-सामाजिक आधार की खोज की जरूरत पर बल देने के लिए हुआ है। मध्यवर्ती जातियों और दलित जातियों के बीच प्राचीन काल से ही साझेपन का मजबूत आधार रहा है। मनुवादी व्यवस्था में दोनों के लिए निचली जगहें निर्धारत थीं। छूत और अछूत का भेद सिर्फ द्विजों की सुविधा के लिए था, ताकि रोजमर्रा के कामों में वे इन दोनों समूहों का अलग-अलग तरीके से उपयोग कर सकें। पिछले लगभग 2500 सालों के ज्ञात इतिहास के नायकों को देखें-बुद्ध, कौत्स, मक्खली गोशाल, अजित केशकंबली, कबीर, शाहू जी महाराज, जोतिबा फुले, आम्बेडकर, कांशीराम। दक्षिण भारत के नायकों को छोड़ भी दें तो भी यह सूची बहुत लंबी हो सकती है। लेकिन आप कैसी भी सूची बनाएं, एक बात तो यह दिखती है कि इनमें से अधिसंख्य मध्यवर्ती जातियों में ही पैदा हुए हैं, जिन्हें आज ओबीसी कहा जाता है। दूसरी बात यह स्पष्ट दिखती है कि ये नायक चाहे मध्यवर्ती जातियों में पैदा हुए हों या दलित जातियों में, सबने इन दोनों समुदायों तथा स्त्रियों की साझी गुलामी से मुक्ति की बात की। आज की परिस्थितियों में वर्तमान व्यवस्था की सबसे अधिक मार खा रहे आदिवासी भी इस अवधारणा के अंतर्गत आएंगे।
- Notes:
- यह फारवर्ड प्रेस पत्रिका की बहुजन साहित्य वार्षिकी, 2014 का संपादकीय है। पत्रिका में प्रकाशित शीर्षक 'एक अवधारणा का निर्माण काल' है।
- Metadata:
- xml
- Published as:
- Journal article Show details
- Publisher:
- Forward Press
- Pub. Date:
- May, 2014
- Journal:
- Forward Press
- Volume:
- 6
- Issue:
- 5
- Page Range:
- 9 - 11
- ISSN:
- 23489286
- Status:
- Published
- Last Updated:
- 7 months ago
- License:
- Attribution
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Item Name: pramod-ranjan.-‘एक-अवधारणा-का-निर्माण-काल.-forward-press-vol.-6.-no.-5.-may-2014.-pp.-9–11..pdf
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